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    Monday, January 2, 2017

    ब्लैक होल के बारे में जाने क्या है ब्लैक होल -What is known about black holes black hole

    •                           क्या है ब्लैक होल -     What's black hole                                                                                                                     ;                                                                                                                                                                                                                                  
                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                             ब्लैक होल अंतरिक्ष का एक ऐसा रहस्य है, जिसे आज तक कोई जान नहीं पाया। इसे लेकर कयास तो कई लगाए गए, लेकिन यह आज भी एक पहेली है। आइए, हम आपको बताते हैं कि ब्लैक होल आखिर है क्या?
    आपने ब्लैक होल के बारे में तो सुना ही होगा। वैज्ञानिक सम्मेलनों में भी इसपर चर्चा की जाती रही है। इसे लेकर आपके अंदर भी जिज्ञासा उठती होगी कि यह क्या है, कैसा होता है, क्या इसका रंग काला होता है या फिर इसी तरह के अन्य सवाल। ब्लैक होल ऐसी खगोलीय शक्ति है, जिसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र काफी शक्तिशाली होता है। इसके खिंचाव से कुछ  नहीं बच सकता, यहां तक कि प्रकाश  ब्लैक होल में एकतरफा सतह होती है, जिसे घटना क्षितिज कहा जाता है। इसमें वस्तुएं गिर तो सकती हैं, लेकिन इससे बाहर कुछ  नहीं आ सकता। यह अपने ऊपर पड़ने वाले सारे प्रकाश को अवशोषित कर लेता है और कुछ रिफ्लेक्ट (प्रतिबिंबित) नहीं करता। इसके बारे में यहां तक कहा गया कि यह स्पेस में ऐसा  गर्त है, जिसमें फंस कर हम नीचे से किसी अन्य सृष्टि में पहुंच सकते हैं। जब कोई विशाल तारा मरता है, तो अपने र की ओर वह गिर पड़ता है। गिरते-गिरते यह इतना सिकुड़ जाता है और इतना  हो जाता है कि सबकुछ अपने  समेटने लगता है। इसकी ओर जाती गैस तपने लगती है और एक्स किरण छोड़ने लगती है। बस इसी से वैज्ञानिकों ने ब्लैक होल के होने का अनुमान लगाया। हालांकि अ•ाी तक उपलब्ध किसी थ्योरी या सिद्धांत से इसे पूरी तरह समझना असं•ाव रहा है।

    अनदेखा है 
    इसके को देख पाना सं•ाव नहीं है, फिर यह अन्य पदार्थों के साथ अन्त: क्रिया के माध्यम से अपनी उपस्थिति प्रकट कर सकता है। इसका पता तारों के उस समूह की गति पर नजर रख कर लगाया जा सकता है, जो अंतरिक्ष के खाली दिखाई देने वाले एक हिस्से का चक्कर लगाते हैं। वैकल्पिक रूप से, एक साथी तारे से आप एक अपेक्षाकृत छोटे ब्लैक होल में गैस को गिरते हुए देख सकते हैं। यह गैस सर्पिल आकार में अंदर की तरफ आती है, बहुत उच्च तापमान तक गर्म हो कर बड़ी मात्रा में विकिरण छोड़ती है,  जिसका पता पृथ्वी पर स्थित या पृथ्वी की कक्षा में घूमती दूरबीनों से लगाया जा सकता है। इस तरह के अवलोकनों के परिणामस्वरूप यह वैज्ञानिक सर्वसम्मति उ•ार कर सामने आई है कि यदि प्रकृति की हमारी समझ पूर्णतया गलत साबित न हो जाए तो, हमारे ब्रह्मांड में ब्लैक होल का अस्तित्व मौजूद है।

    आकार
    ब्लैक होल बहुत छोटे  हो सकते हैं और बहुत बड़े वैज्ञानिकों का मानना है कि छोटे ब्लैक होल्स एक एटम के बराबर  हो सकते हैं, लेकिन इनका द्रव्यमान एक बड़े पहाड़ इतना होता है। एक दूसरे प्रकार का ब्लैक होल होता है, जिसे स्टेलर कहते हैं। इसका द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान के 20 गुना होता है। पृथ्वी के गैलेक्सी में इस तरह के द्रव्यमान वाले ढेर सारे स्टेलर ब्लैक होल्स होते हैं। पृथ्वी के गैलेक्सी को मिल्की वे कहते हैं। इस तरह के ब्लैक होल्स को ‘सुपरमैसिव’ कहते हैं। इन ब्लैक होल्स का द्रव्यमान एक मिलियन सूर्य के द्रव्यमान के बराबर होता है। वैज्ञानिकों ने इस बात का खुलासा किया है कि प्रत्यके बड़े गैलेक्सी के केंद्र में सुपरमैसिव ब्लैक होल होता है। मिल्की वे गैलेक्सी के केंद्र में जो सुपरमैसिव ब्लैक होल होता है, उसे सैगिटेरियस ए कहते हैं। इसका द्रव्यमान लग•ाग चार मिलियंस सूर्य के बराबर होता है।

    कैसे लिया आकार
    वैज्ञानिकों का मानना है कि छोटे ब्लैक होल्स का निर्माण ब्रह्मांड के शुरुआत के साथ ही सं•ाव हो सका। स्टेलर ब्लैक होल्स का निर्माण तब होता है, जब केंद्र का बहुत बड़ा तारा खुद से इसके अंदर गिर जाता है या नष्ट हो जाता है। इस घटना को सुपरनोवा कहते हैं। वैज्ञानिकों का यह  मानना है कि सुपरमैसिव ब्लैक होल्स त•ाी बने थे, जब गैलेक्सी का निर्माण हुआ था।

    कैसे पता लगा?
    ब्लैक होल को देखा नहीं जा सकता, क्योंकि तीव्र गुरुत्वाकर्षण ब्लैक होल के मध्य में प्रकाश को तेजी से खिंचता है। किस तरह से तीव्र गुरुत्वाकर्षण ब्लैक होल के चारों ओर गैस और तारों को प्र•ाावित करता है, वैज्ञानिकों के लिए इसे देख पाना सं•ाव है। वैज्ञानिक तारों के अध्ययन से इस बात का  पता लगा सकते हैं कि किस तरह से तारे ब्लैक होल के चारों ओर उड़ते हैं। जब ब्लैक होल और तारे एक-दूसरे के करीब होते हैं, तो तीव्र प्रकाश उर्जा का निर्माण होता है। हालांकि इंसान इस प्रकाश को नहीं देख सकता। स्पेस में इस प्रकाश को देखने के लिए वैज्ञानिक सैटेलाइट और टेलिस्कोप का प्रयोग करते हैं।

    पृथ्वी नष्ट हो जाएगी?
    ब्लैक होल्स तारों, चंद्रमा और प्लेनेट्स को खाते हैं, यह धारणा गलत है। लोग यही सोचते हैं कि हमारी पृथ्वी ब्लैक होल में समा जाएगी, लेकिन यह गलत है, क्योंकि कोई  ब्लैक होल सोलर सिस्टम के करीब नहीं है। यहां तक कि अगर ब्लैक होल का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान के बराबर  हो जाए, तब पृथ्वी ब्लैक होल के अंदर नहीं समा सकती। जब ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण सूर्य के बराबर होगा, तो ऐसी स्थिति में पृथ्वी और अन्य प्लेनेट्स ब्लैक होल के आॅरबिट (कक्ष) में होंगे, जैसा कि वे अ•ाी सूर्य के आॅरबिट में हैं।

    सूर्य भी ब्लैक होल में बदल जाएगा?
    यह सच है कि कई सितारों का अंत ब्लैक होल के रूप में ही होता है, लेकिन सूर्य के ब्लैक होल में बदलने की सं•ाावना नहीं दिखती, क्योंकि ब्लैक होल में बदलने के लिए तारे का द्रव्यमान बहुत ज्यादा होना चाहिए। हमारे सूर्य से लाखों गुना ज्यादा। सूर्य का द्रव्यमान ब्लैक होल में बदलने के लिए काफी नहीं है। एस्ट्रोनॉमी और एस्ट्रोफिजिक्स के जानकार मानते हैं कि अगले 5 करोड़ सालों तक सूर्य को कुछ नहीं होने वाला, लेकिन इसके बाद सूर्य की ऊर्जा कम होने लगेगी और यह बुध और शुक्र को निगल जाएगा। इससे सूर्य का आकार बढ़ जाएगा। ऐसा होने पर धरती का तापमान कई गुना बढ़ जाएगा। महासागर उबलने लगेंगे और जीना मुश्किल हो जाएगा और यही से होगी                                                                                                                                           पृथ्वी पर जीवन के अंत कब्लैक होल से जुड़ी इस घटना को देखा जाना काफी दुर्लभ है : नासा-वाशिंगटन : खगोलविदों के लिए ब्लैक होल और इससे जुड़ी घटनाएं हमेशा से ही गहन जिज्ञासा का विषय रहीं है। इस बार वैज्ञानिकों ने ब्लैक होल से जुड़ी एक ऐसी घटना को देखा है जिसे लेकर अब तक काफी भ्रांतियां रहीं हैं।

    वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में ब्लैक होल को एक तारे का अस्तित्व समाप्त करते और उसका मलबा अंतरिक्ष में धकेले जाने की एक अद्वितीय घटना को देखा है। यूं तो खगोलविद पहले भी कई बार तारों का अस्तित्व समाप्त होने की घटनाओं के गवाह बने हैं लेकिन यह पहला मौका है जब वैज्ञानिकों ने इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कुछ ऐसी चीजों को देखने का दावा किया जिसको लेकर अभी तक काफी भ्रांतियां बनी हुईं थीं।

    वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार ब्लैक होल को एक तारे का अस्तित्व समाप्त करने की इस प्रक्रिया में पहली बार तारे के बचे मलबे को ब्लैक होल द्वारा अंतरिक्ष में फेंके जाने की प्रक्रिया को भी पकड़ा गया है। पहली बार बाहर फेंके गये मलबे से निकले रेडियो संकेतों को पकडा गया है। वैज्ञाानिकों के अनुसार किसी तारे को इस तरह फाड कर अंतरिक्ष में उछाले जाने की यह घटना अभी तक रहस्यमय बनी हुई थीब्लैक होल के बारे में जाने क्या है ब्लैक होल -What is known about black holes black hole

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